इमरजेंसी में फंड की जरूरत? जानें Credit Card, Personal Loan और Credit Line में कौन है सबसे बेहतर विकल्प Best Emergency Fund

Best Emergency Fund आज के समय में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड आमतौर पर सबसे पहले याद आने वाले विकल्प हैं जब पैसों की अचानक जरूरत पड़ती है। लेकिन एक तीसरा विकल्प भी है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं—क्रेडिट लाइन (Credit Line)। बैंकिंग शब्दावली में इसे लाइन ऑफ क्रेडिट कहा जाता है। इसकी खासियत यह है कि आप इसका उपयोग भी पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड की तरह ही कर सकते हैं, लेकिन इसके फायदे और नुकसान अलग होते हैं। आइए जानें कि यह विकल्प कितना फायदेमंद है और किन हालातों में इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

क्या होती है क्रेडिट लाइन?

क्रेडिट लाइन दरअसल एक प्रकार की ओपन-एंडेड लोन सुविधा होती है जिसमें बैंक आपको एक निश्चित राशि तक का कर्ज मंजूर करता है। इस राशि में से आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकते हैं। खास बात ये है कि आपको सिर्फ उसी रकम पर ब्याज देना होता है, जितनी आपने इस्तेमाल की हो। बाकी राशि पर कोई ब्याज नहीं लगता जब तक कि आप उसे खर्च नहीं करते।

उदाहरण से समझें

मान लीजिए, किसी बैंक ने आपको 2 लाख रुपये की क्रेडिट लाइन स्वीकृत की है, लेकिन आपकी जरूरत सिर्फ 50,000 रुपये की है। ऐसे में आपको ब्याज भी सिर्फ 50,000 रुपये पर ही देना होगा। यदि बाद में आपको और पैसे की जरूरत पड़े और आप 20,000 रुपये और निकालते हैं, तो अब कुल 70,000 रुपये पर ब्याज लगेगा। बाकी के 1.3 लाख रुपये पर कोई ब्याज तब तक नहीं लगेगा जब तक वो उपयोग में नहीं लाए जाते।

क्रेडिट लाइन की राशि कैसे तय होती है?

आपको मिलने वाली क्रेडिट लाइन की लिमिट आपके क्रेडिट स्कोर, वेतन, और अन्य वित्तीय योग्यता के आधार पर तय होती है। यह राशि 3,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक हो सकती है। बैंक या वित्तीय संस्थान इस लिमिट के साथ-साथ ब्याज दर, अवधि और शर्तें तय करते हैं।

पर्सनल लोन Vs क्रेडिट लाइन – कौन है बेहतर?

पर्सनल लोन और क्रेडिट लाइन दोनों की अपनी-अपनी खूबियां हैं, लेकिन कुछ मामलों में क्रेडिट लाइन बेहतर मानी जाती है:

  • ब्याज की बचत: पर्सनल लोन में पूरी राशि पर ब्याज देना पड़ता है, जबकि क्रेडिट लाइन में सिर्फ इस्तेमाल की गई रकम पर।
  • प्रीपेमेंट चार्ज नहीं: पर्सनल लोन में जल्दी भुगतान करने पर प्रीपेमेंट चार्ज लगता है, लेकिन क्रेडिट लाइन में ऐसा कोई शुल्क नहीं होता।
  • ईएमआई की बाध्यता नहीं: पर्सनल लोन में तय ईएमआई चुकानी होती है, जबकि क्रेडिट लाइन में आप सिर्फ ब्याज चुका सकते हैं और मूलधन बाद में दे सकते हैं।
  • लचीलापन: क्रेडिट लाइन में जब चाहे तब पैसा निकाल सकते हैं, और जितना चाहे उतना।

ध्यान रखें ये बातें भी

क्रेडिट लाइन में कुछ जोखिम भी होते हैं:

  • अगर आप सिर्फ ब्याज भरते रहे और मूलधन नहीं चुकाते, तो आपकी देनदारी बढ़ती जाएगी।
  • बैंक कभी भी आपकी क्रेडिट लाइन की लिमिट घटा सकता है या ब्याज दर बढ़ा सकता है, खासकर यदि आपकी क्रेडिट प्रोफाइल में गिरावट आए।

क्रेडिट कार्ड Vs क्रेडिट लाइन – कहां है फर्क?

कई लोग सोचते हैं कि क्रेडिट कार्ड और क्रेडिट लाइन एक जैसे हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं:

  • कार्ड नहीं मिलता: क्रेडिट लाइन में कोई कार्ड नहीं मिलता, बल्कि सीधे आपके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर होता है।
  • लचीलापन अधिक: आप जितना पैसा क्रेडिट लाइन से निकालेंगे, उतना ही ब्याज लगेगा। कार्ड में ग्रेस पीरियड के दौरान भुगतान करने पर ब्याज नहीं लगता।
  • रीवॉल्विंग लिमिट: क्रेडिट कार्ड में खर्च की गई राशि लौटाने पर वह लिमिट दोबारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाती है, जबकि क्रेडिट लाइन में ऐसा जरूरी नहीं होता।

नतीजा – कौन है आपके लिए सही विकल्प?

अगर आप नियमित आय वाले हैं और ईएमआई भर सकते हैं, तो पर्सनल लोन एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आपको बार-बार छोटी-छोटी रकम की जरूरत पड़ती है और आप लचीलापन चाहते हैं, तो क्रेडिट लाइन बेहतर साबित हो सकती है। वहीं, रोजमर्रा के खर्चों और शॉपिंग के लिए क्रेडिट कार्ड सुविधाजनक रहता है। आपको अपनी जरूरत और चुकाने की क्षमता के आधार पर सही विकल्प का चुनाव करना चाहिए।

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